नस्य (नाक मे तेल या घी डालना ) क्रिया
नस्य ( नाक मे तेल या घी डालना )-
नाक मे तेल या घी डालने की प्रक्रिया सदियो से चली आ रही है आयुर्वेद मे इसके बहुत लाभ बताये गये है ! सरसों का तेल,तिल का तेल या घी इस क्रिया मे उपयोग किया जाता है !
नस्य (नाक मे तेल या घी ) का समये -
के १४ समय
बताये गए है -सुबह उठने पर ,दंत धावन, व्यायाम, मलमूत्र त्याग,
भोजन ,वमन , के बाद दिन में सो के उठने पर और शाम को . बाहर
जाते समय नस्य लेने से प्रदुषण का असर नहीं होगा .
- रात में सोते समय नस्य लेने से वात रोगों में लाभ मिलता है ;
विशेषकर तब जब हम तेज़ पंखे या एसी में सोये
नस्य के सही तरिका -
प्रतिदिन नाक में २ -२ बूँद गाय के घी या तिल या सरसों के तेल
की डालना हमें बहुत सारे लाभ देता है तेल या घी को लेट कर
नाक में डाले और हल्का सा खिंच ले . 5 मिण्ट लेते रहे .इसे
प्रतिमर्श नस्य कहा जाता है
नस्य के लाभ -
1)थायरोइड
2)स्मरण शक्ति ;
3)बाल झडना और असमय सफ़ेद होना
4)दांत के रोगों में जैसे दर्द ,सेंसिटिविटी , मसूड़ों की समस्या
बेहतर केल्शियम एब्ज़ोर्प्शन
लम्बाई बढाता है
5)नाक की समस्याएँ पोलिप्स , छींकें आना , नाक बंद होना ,
6)सर्दी ज़ुकाम
7)गला खराब होने पर
8)कान की समस्याएँ
9)स्नायु शिथिलता
10)स्टेमिना बढाता है .
11)अच्छी नींद
12)सिरदर्द
13)मानसिक तनाव
नाक के माध्यम से दी गई दवाई का डेढ़ मिनट में असर होता है .
ये ब्रेन पर तुरंत असर करता है क्योंकि यहाँ ब्लड ब्रेन बेरियर नहीं
होता .नाक ही ब्रेन का प्रवेश द्वार है .
14) हिमोग्लोबिन बढ़ता है .
15)रोगप्रतिरोधक शक्ति बढती है .
16)हकलाहट में लाभ
17)होर्मोनल असंतुलन को ठीक करता है .
18)गर्दन में दर्द
19)टोंसिल्स
नोट- कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे स्म्रुतिनाश या फिट्स के
लिए वैद्य की सलाह से नस्य ले .
नस्य ना लेने का समय ----
वर्षा ऋतू में जब सूर्य ना हो ; गर्भवती
या प्रसव के बाद ;बाल धोने के बाद ; भूक या प्यास लगने पर ,
बीमार पड़ने पर ;अजीर्ण होने पर ; आघात होने पर या बहुत थका
हुआ होने पर ; अनुवासन बस्ती या विरेचन के बाद !
नस्य के इतने फ़ायदे हमारे आयुर्वेद मे बताये गयए है ! सावधानी पूर्वक और सही ढंग से नस्य लेने से अवश्य लाभ होता है
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
महिलाओ के गुप्त रोगों की जानकारी और आयुर्वेदिक नुस्खो की जानकारी के लिये इस लिंक पर क्लिक करें !
Aayurvaidice.blogspot.com
onnihealhcare.blogspot.com
नाक मे तेल या घी डालने की प्रक्रिया सदियो से चली आ रही है आयुर्वेद मे इसके बहुत लाभ बताये गये है ! सरसों का तेल,तिल का तेल या घी इस क्रिया मे उपयोग किया जाता है !
नस्य (नाक मे तेल या घी ) का समये -
के १४ समय
बताये गए है -सुबह उठने पर ,दंत धावन, व्यायाम, मलमूत्र त्याग,
भोजन ,वमन , के बाद दिन में सो के उठने पर और शाम को . बाहर
जाते समय नस्य लेने से प्रदुषण का असर नहीं होगा .
- रात में सोते समय नस्य लेने से वात रोगों में लाभ मिलता है ;
विशेषकर तब जब हम तेज़ पंखे या एसी में सोये
नस्य के सही तरिका -
प्रतिदिन नाक में २ -२ बूँद गाय के घी या तिल या सरसों के तेल
की डालना हमें बहुत सारे लाभ देता है तेल या घी को लेट कर
नाक में डाले और हल्का सा खिंच ले . 5 मिण्ट लेते रहे .इसे
प्रतिमर्श नस्य कहा जाता है
नस्य के लाभ -
1)थायरोइड
2)स्मरण शक्ति ;
3)बाल झडना और असमय सफ़ेद होना
4)दांत के रोगों में जैसे दर्द ,सेंसिटिविटी , मसूड़ों की समस्या
बेहतर केल्शियम एब्ज़ोर्प्शन
लम्बाई बढाता है
5)नाक की समस्याएँ पोलिप्स , छींकें आना , नाक बंद होना ,
6)सर्दी ज़ुकाम
7)गला खराब होने पर
8)कान की समस्याएँ
9)स्नायु शिथिलता
10)स्टेमिना बढाता है .
11)अच्छी नींद
12)सिरदर्द
13)मानसिक तनाव
नाक के माध्यम से दी गई दवाई का डेढ़ मिनट में असर होता है .
ये ब्रेन पर तुरंत असर करता है क्योंकि यहाँ ब्लड ब्रेन बेरियर नहीं
होता .नाक ही ब्रेन का प्रवेश द्वार है .
14) हिमोग्लोबिन बढ़ता है .
15)रोगप्रतिरोधक शक्ति बढती है .
16)हकलाहट में लाभ
17)होर्मोनल असंतुलन को ठीक करता है .
18)गर्दन में दर्द
19)टोंसिल्स
नोट- कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे स्म्रुतिनाश या फिट्स के
लिए वैद्य की सलाह से नस्य ले .
नस्य ना लेने का समय ----
वर्षा ऋतू में जब सूर्य ना हो ; गर्भवती
या प्रसव के बाद ;बाल धोने के बाद ; भूक या प्यास लगने पर ,
बीमार पड़ने पर ;अजीर्ण होने पर ; आघात होने पर या बहुत थका
हुआ होने पर ; अनुवासन बस्ती या विरेचन के बाद !
नस्य के इतने फ़ायदे हमारे आयुर्वेद मे बताये गयए है ! सावधानी पूर्वक और सही ढंग से नस्य लेने से अवश्य लाभ होता है
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
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किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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