Madan prakash churan is now available on Amazon ,order now

  • Swapndoshahar churna now available on Amazon click on the link and order

    रोगो से केसे बचें ( महिला और पुरुष) ?(rogon se kaise bachen {mahila or purush}?)-


    रोगो से केसे बचें ( महिला और पुरुष) ?


                 रोगों से राहत के सरल नुस्खें (प्रत्येक स्त्री/पुरुष के लिए) -
                 स्त्री हो या पुरुष सबकिसी ना किसी बीमारी से ग्रसित है ! कई डाक्टर से इलाज करवाते है बहुत पेसा भी खर्च करते है ! और उनके साइड इफेक्ट भी होते है !लेकिन आयुर्वेद मे सभी बिमरियो के आसान और सरल उपाय बताये गये है जो बहुत कम लोग जानते है और उनके कोइ साइड इफेक्ट भी नही होते है !

                 यहा हम कुछ बिमरियो के आयुर्वेदिक नुस्खे बता रहे है जो आप को बिना साइड इफेक्ट के ठीक करेगें !

         1) गठिया – जाड़े और बरसात में इस रोग की पीड़ा बहुत कष्ट
    पहुंचाती है। इससे बचने के लिए तीन लहसुन के जवे, ५ ग्राम टिल के
    साथ शहद मिलाकर ( १० ग्राम) चाट जाएँ और हल्का गर्म
    पानी पीये। एरंड के दो छिले हुए बीज , एरंड की जड़ के काढ़े के
    साथ पीने से भी इसमें लाभ होता है। प्रातःकाल बिना खाएं
    करें।

        2) वायु प्रकोप – उपर्युक्त नुस्खें से शरीर में , नसों में , मांस में
    जहाँ भी वायु होती है, निकल जाती है। राते में सोते समय दूध में
    घी डालकर पीयें।
    लिकोरिया – आँवले के बीजों का ५ ग्राम पीसकर पानी में
    घोल छानकर दिन में तिन बार पीने से स्त्रियों का धातु पतन
    एवं बहुमूत्र ठीक होता है।

       3) पेट की वायु – मूंगफली का तेल ६ ग्राम , शहद १० ग्राम सुबह
    शाम पीने से पेट की गैस निकल जाती है और दस्त साफ होता है।
    गर्भाशय की वायु – १० ग्राम निशोथ पीसकर खाकर २० ग्राम
    एरंड के तेल के साथ 3-पीने से और प्रातःकाल १० ग्राम अजमाइन
    गर्म पानी और सेंधा नमक के साथ पिने से गर्भाशय वायु-विकार
    दूर होता है और मासिक धर्म खुलकर आता है ।

        4) सर्वागवात – 50 ग्राम लहसुन , ५ ग्राम जीरा , ५ ग्राम
    त्रिकुटा, ५ ग्राम सेंधा नमक , ५ ग्राम काला नमक , ५ ग्राम
    हिंग, १० ग्राम अजमाइन , १० ग्राम काली मिर्च , १० ग्राम
    सोंठ – इनको पीसकर मिलाकर १ ग्राम की मात्रा में सुबह एरंड
    के जड़ के काढ़े के साथ पीने से शरीर के सभी अंगों के वायु
    विकार निकल जाते है।

       5) ह्रदय रोग – १० ग्राम अर्जुन की छाल का चूर्ण या लुगदी , २०
    ग्राम गेहूं का आटा – 30 ग्राम घी में पका कर ५० ग्राम गुड
    डालकर बनाया गया हलवा – प्रातःकाल खाने से घोर ह्रदय
    रोग भी आराम हो जाता है।

        6) सर्व रोग निवारक – बड़ी हर्रे का चूर्ण ५ ग्राम की मात्रा में
    प्रातःकाल तारों की छाँव में 100 m.l. बासी पानी के साथ
    प्रतिदिन पीने वाले का स्वास्थ्य सदा ठीक रहता है । उसे कोई
    समस्या नहीं होती। हर्रे – गर्मी में समान मात्रा गुड़ के साथ ,

        7) वर्षाकाल में सेंधा नमक के साथ , शरत ऋतू में मिश्री के साथ ,
    हेमंत में सोंठ के साथ, शिशिर में पीपर के साथ , बंसत में शहद के
    साथ – लेना चहिये।

        8) यदि आप धातु , पौरुष और काम शक्ति के सम्पन्न हैं आपको
    कोई यौन रोग नहीं है , बेतहाशा बल, वीर्य और पौरुष की वृद्धि
    होती हैं।
    सूखे सिंघाड़े का आटा २५ ग्राम , २५ ग्राम घी चीनी के साथ
    प्रातः सायं हलुआ बनाकर खाएं ऊपर से दूध पीयें।

       9) सन्तान ना होने पर -स्त्री की दुर्बलता से सन्तान नहीं हो रही ,
    तो अनेक कारण होते है; पर यदि स्त्री स्वस्थ है, तो १० ग्राम
    अजमाईन ५ ग्राम सेंधा नमक के साथ प्रातःकाल लिया करें और
    रात में असगंध को (25 ग्राम) 500 ग्राम दूध में पकाकर घी के
    साथ पियें। 45 दिन करें।

               इन आयुर्वेदिक नुस्खो का उपयोग कर के आप कई बिमरियो से छुटकारा पा सकते है !
             और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
         


    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।







            महिलाओ के गुप्त रोगों की जानकारी और आयुर्वेदिक नुस्खो को जानने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें -

    Aayurvaidice.blogspot.com

    onnihealhcare.blogspot.com


    No comments