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    छुईमुई के गुण और बिमारियों मे इसके उपयोग

    गजब की औषधि है छुईमुई
    आप इसे छूने जाइए इसकी पत्तियां सिकुड़ जाएंगी,
    अपने इस स्वभाव की वजह से इसे शर्मिली के नाम से भी जाना
    जाता है। छुईमुई को देहातों में लाजवंती या शर्मीली के नाम से
    जाना जाता है, वहीं इसे वनस्पति जगत में माईमोसा पुदिका के
    नाम से जाना जाता है। यह पौधा आदिवासी अंचलों में हर्बल
    नुस्खों के तौर पर अनेक रोगों के निवारण के लिए उपयोग में
    लाया जाता है।
     

    छुईमुई के आदिवासी हर्बल नुस्खे-
                            बहुगुणी पौधा छुईमुई
    बहुगुणी पौधा हैं उनके
       1) यह पौधा घावों को जल्द
    से जल्द ठीक करने के लिए बहुत ज्यादा सक्षम होता है। इसकी
    जड़ों का 2 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ
    लिया जाए तो आंतरिक घाव जल्द आराम पडऩे लगते हैं।
         2) हड्डियों के टूटने
    और मांस-पेशियों के आंतरिक घावों के उपचार में छुईमुई की जड़ें
    काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। घावों को जल्दी
    ठीक करने में इसकी जड़ें सक्रियता से कार्य करती हैं।
           3) बवासीर,
    भगंदर में लाभदायक
    छुईमुई की जड़ और पत्तों का चूर्ण दूध में मिलाकर दो बार देने से
    बवासीर और भगंदर रोग ठीक होता है।
    छुईमुई के पत्तों का एक
    चम्मच पाउडर दूध के साथ प्रतिदिन सुबह शाम लेने से बवासीर
    या पाइल्स में आराम मिलता है।
    छुईमुई की
    जड़ और पत्तियों का पाउडर दूध में मिलाकर दो बार देने से
    बवासीर और भगंदर जैसे रोग में आराम मिलता है।
          4) छुईमुई की पत्तियों के रस को बवासीर के घाव पर सीधे लेपित
     करते हैं। यह रस घाव को सुखाने का
    कार्य करता है और अक्सर होने वाले खून के बहाव को रोकने में
    भी मदद करता है।
          5) पेशाब में अधिक आने पर फाययदेमंद छुईमुई के पत्तों का एक चम्मच चूर्ण
    मक्खन के साथ मिलाकर भगंदर और बवासीर होने पर घाव पर
    रोज सुबह-शाम या दिन में तीन बार लगाते हैं।  
         6) छुईमुई के पत्तों
    को पानी में पीसकर नाभि के निचले हिस्से में लेप करने से पेशाब
    का अधिक आना बंद हो जाता है ! छुईमुई की
    पत्तियों के रस की 4 चम्मच मात्रा दिन में एक बार लेने से भी
    फायदा होता है।
           7) मधुमेह रोगियों के लिए काढ़ा -यदि छुईमुई की
    100 ग्राम पत्तियों को 300 मिली पानी में डालकर काढ़ा
    बनाया जाए तो यह काढ़ा मधुमेह के रोगियों को काफी
    फायदा होता है।शारीिरक दुर्बलता करता है  
         8) धूप मे इसके बीजों
    को एकत्र कर सुखा लिया जाए और चूर्ण तैयार किया जाए।
    इसके बीजों के चूर्ण
    (3 ग्राम) को दूध के साथ मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से
    पहले लिया जाए तो शारीरिक दुर्बलता दूर कर ताकत प्रदान
    करता है।
           9) छुईमुई व अश्वगंधा की गुणकारी -
                    छुईमुई और अश्वगंधा
    की जड़ों की समान मात्रा लेकर पीस लिया जाए और तैयार
    लेप को ढीले स्तनों पर हल्के हल्के मालिश किया जाए तो
    स्तनों का ढीलापन दूर होता है।
           10) खूनी दस्त में फायदेमंद -
                       छुईमुई की
    जड़ों का चूर्ण (3 ग्राम) दही के साथ खूनी दस्त से ग्रस्त रोगी
    को खिलाने से दस्त जल्दी बंद हो जाती है। जड़ों का पानी में तैयार काढ़ा भी
    खूनी दस्त रोकने में कारगर होता है।

           11) त्वचा संक्रमण में लगाएं
    पत्तियों का रस - छुईमुई की पत्तियों और जड़ों में
    एंटीमायक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं
    जिनकी पुष्टि आधुनिक विज्ञान भी करता है और
    आदिवासी अंचलों में हर्बल जानकार आज भी
    त्वचा संक्रमण होने पर इसकी पत्तियों के रस को दिन में 3 से 4
    बार लगाने की सलाह देते हैं।
         12) टांसिल्स में लगाएं पत्तियां - टांसिल्
    स होने पर इसकी पत्तियों को पीसकर गले पर लगाने से जल्द ही
    समस्या में आराम मिलता है। प्रतिदिन 2 बार ऐसा करने से तुरंत
    राहत मिल जाती है, जिन्हें गोईटर की समस्या हो उन्हें भी
    इसी तरह का समाधान अपनाना चाहिए।
           13) इलायची, छुईमुई की
    जड़ें सेमल की छाल फायदेमंद -
    तीन से चार इलायची, छुईमुई की जड़ें 2 ग्राम सेमल की
    छाल (3 ग्राम) को आपस में मिलाकर कुचल लिया जाए और इसे
    एक गिलास दूध में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले
    पिया जाना चाहिए, यह नपुंसकता दूर करने के लिए एक कारगर
    फार्मूला है।
           14) छुईमुई की जड़ें और बीजों का चूर्ण- छुईमुई की जड़ों
    और बीजों का चूर्ण दूध के साथ लेने से पुरूषों में वीर्य की कमी
    की शिकायत में काफी हद तक फायदा होता है। इसकी जड़ों
    और बीजों के चूर्ण की 4 ग्राम मात्रा हर रात एक गिलास दूध के
    साथ लेने की सलाह देते हैं। ऐसा एक माह तक लगातार किया
    जाए तो सकारात्मक परिणाम देखे जा सकते हैं।
          15) जड़ें करती हैं
    टॉनिक का काम

            तो देखा आप ने छुईमुई कितनी उपयोगी है ! कितने ही रोगों को ठीक करती है !
           और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे
         


    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।





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    1 comment:

    1. The NPI must be used in connection with the electronic transactions identified in HIPAA. In addition, the NPI may be used in several other ways:

      by health care providers to identify themselves in health care transactions identified in HIPAA or on related correspondence;
      by health care providers to identify other health care providers in health care transactions or on related correspondence;
      by health care providers on prescriptions (however, the NPI will not replace requirements for the DEA number or state license number);
      by health plans in their internal provider files to process transactions and communicate with health care providers;
      by health plans to coordinate benefits with other health plans;
      by health care clearinghouses in their internal files to create and process standard transactions and to communicate with health care providers and health plans;

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