मिट्टी एक वरदान है त्वचा के लिए(Mitti ek vardan hai twacha kr liye)-
त्वचा की समस्याएं जैसे फोड़े-फुंसी, दाद-खाज, खुजली, सूजन,
एक्जिमा आदि का कारण वातावरण में धूल, मिट्टी व प्रदूषण
और त्वचा से पसीने के रूप में विकारों के निकालने में असमर्थ
होने के कारण होती है। नहाने के लिए साबुन का बहुत ज्यादा
इस्तेमाल और एक्सरसाइज की कमी इसके प्रमुख कारण होते हैं।
साबुन तरह-तरह के केमिकल से बनते हैं जो भले ही बाहर से तो
त्वचा को साफ कर देते हो, लेकिन पोर्स में जाकर उनका मार्ग
अवरुद्ध करके पसीने को निकलने से रोकते हैं। इसलिए त्वचा रोगों
के इलाज के लिए आपको त्वचा को साफ करने के लिए मिट्टी
का इस्तेमाल करना चाहिए। आइए जानते हैं कि मिट्टी किस
प्रकार त्वचा रोगों को दूर करने में आपकी मदद करती है।
पोर्स का ब्लॉक होना
पोर्स के माध्यम से हमारी त्वचा सांस लेता है। और पोर्स के
बन्द हो जाने पर न केवल त्वचा को सांस लेने में रुकावट आती है,
बल्कि पसीने के रूप में निकलने वाले विकार भी रुककर पनपने लगते
है। इसके अलावा साबुन में मौजूद केमिकल ब्लड में भी मिल जाते
हैं, जिससे ब्लड खराब होकर अनेक प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों
की भूमिका बनाने लगता है।
त्वचा रोगों का उपचार
त्वचा संबंधी कोई भी रोग हो जाने पर सभी प्रकार के नहाने के
साबुनों और बाहरी तेलों के प्रयोग को बंद कर देना सबसे पहला
उपाय है। इसके स्थान पर आपको नहाते समय आपको गीले
तौलिये से त्वचा को धीरे-धीरे रगड़ना चाहिए। इस उपाय को
करने से पोर्स खुलने के साथ-साथ शरीर की मसाज के रूप में
अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है। वैसे तो गीले तौलिये से रगड़ने
से ही त्वचा की सफाई अच्छी तरह हो जाती है, फिर भी अगर
आपको लगे कि त्वचा अच्छी तरह साफ नहीं हुई है, तो सप्ताह में
केवल एक बार किसी हर्बल साबुन का उपयोग किया जा सकता
है।
त्वचा रोगों के लिए मिट्टी
गीले तौलिये वाला उपाय करने से अधिकांश त्वचा रोग समाप्त
हो जाते हैं, क्योंकि रोगों को निकलने का मार्ग मिल जाता
है। लेकिन अगर आपकी समस्या बहुत पुरानी है तो उसे जल्द ठीक
करने के लिए उस स्थान पर गीली मिट्टी का लेप करना
चाहिए। ऐसी मिट्टी पूरी तरह साफ की हुई होनी चाहिए और
उसमें किसी भी प्रकार की गन्दगी, कूड़ा-करकट या कंकड़ नहीं
होने चाहिए। इस मामले में चिकनी मिट्टी और पीली मिट्टी
सबसे अच्छी होती है। या आप बाजार में हर जगह उपलब्ध
मुल्तानी मिट्टी को पानी में घिसकर या भिगोकर उसका
उपयोग कर सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी त्वचा से गंदगी साफ करने
के लिए बहुत कारगर है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। यह
त्वचा रोगों को समाप्त करने एवं त्वचा को मुलायम रखने में बहुत
सहायक है।
मिट्टी का इस्तेमाल
अगर समस्या पूरे शरीर में हो तो पूरे शरीर पर मिट्टी का लेप
करना चाहिए। लेप करने के बाद थोड़ी देर सुहाती धूप में बैठना
चाहिए। इससे समस्या जल्द ठीक हो जायेगी। धूप सेवन के बाद
अच्छी तरह रगड़कर नहा लेना चाहिए। यह उपाय मात्र दो से
चार बार करने से ही आप त्वचा रोगों से छुटकारा पा सकता है।
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि त्वचा रोग से परेशान
लोगों को इन उपायों के साथ मिर्च मसाले, अचार, तली
चीजों और बाजार में मिलने वाले आहार और पेयों से भी दूरी
बनाकर रखनी चाहिए। इसकी बजाय हरी सब्जियों, मौसमी
फलों और अंकुरित अन्न का उपयोग आपको अधिक से अधिक
मात्रा में करना चाहिए।
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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एक्जिमा आदि का कारण वातावरण में धूल, मिट्टी व प्रदूषण
और त्वचा से पसीने के रूप में विकारों के निकालने में असमर्थ
होने के कारण होती है। नहाने के लिए साबुन का बहुत ज्यादा
इस्तेमाल और एक्सरसाइज की कमी इसके प्रमुख कारण होते हैं।
साबुन तरह-तरह के केमिकल से बनते हैं जो भले ही बाहर से तो
त्वचा को साफ कर देते हो, लेकिन पोर्स में जाकर उनका मार्ग
अवरुद्ध करके पसीने को निकलने से रोकते हैं। इसलिए त्वचा रोगों
के इलाज के लिए आपको त्वचा को साफ करने के लिए मिट्टी
का इस्तेमाल करना चाहिए। आइए जानते हैं कि मिट्टी किस
प्रकार त्वचा रोगों को दूर करने में आपकी मदद करती है।
पोर्स का ब्लॉक होना
पोर्स के माध्यम से हमारी त्वचा सांस लेता है। और पोर्स के
बन्द हो जाने पर न केवल त्वचा को सांस लेने में रुकावट आती है,
बल्कि पसीने के रूप में निकलने वाले विकार भी रुककर पनपने लगते
है। इसके अलावा साबुन में मौजूद केमिकल ब्लड में भी मिल जाते
हैं, जिससे ब्लड खराब होकर अनेक प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों
की भूमिका बनाने लगता है।
त्वचा रोगों का उपचार
त्वचा संबंधी कोई भी रोग हो जाने पर सभी प्रकार के नहाने के
साबुनों और बाहरी तेलों के प्रयोग को बंद कर देना सबसे पहला
उपाय है। इसके स्थान पर आपको नहाते समय आपको गीले
तौलिये से त्वचा को धीरे-धीरे रगड़ना चाहिए। इस उपाय को
करने से पोर्स खुलने के साथ-साथ शरीर की मसाज के रूप में
अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है। वैसे तो गीले तौलिये से रगड़ने
से ही त्वचा की सफाई अच्छी तरह हो जाती है, फिर भी अगर
आपको लगे कि त्वचा अच्छी तरह साफ नहीं हुई है, तो सप्ताह में
केवल एक बार किसी हर्बल साबुन का उपयोग किया जा सकता
है।
त्वचा रोगों के लिए मिट्टी
गीले तौलिये वाला उपाय करने से अधिकांश त्वचा रोग समाप्त
हो जाते हैं, क्योंकि रोगों को निकलने का मार्ग मिल जाता
है। लेकिन अगर आपकी समस्या बहुत पुरानी है तो उसे जल्द ठीक
करने के लिए उस स्थान पर गीली मिट्टी का लेप करना
चाहिए। ऐसी मिट्टी पूरी तरह साफ की हुई होनी चाहिए और
उसमें किसी भी प्रकार की गन्दगी, कूड़ा-करकट या कंकड़ नहीं
होने चाहिए। इस मामले में चिकनी मिट्टी और पीली मिट्टी
सबसे अच्छी होती है। या आप बाजार में हर जगह उपलब्ध
मुल्तानी मिट्टी को पानी में घिसकर या भिगोकर उसका
उपयोग कर सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी त्वचा से गंदगी साफ करने
के लिए बहुत कारगर है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। यह
त्वचा रोगों को समाप्त करने एवं त्वचा को मुलायम रखने में बहुत
सहायक है।
मिट्टी का इस्तेमाल
अगर समस्या पूरे शरीर में हो तो पूरे शरीर पर मिट्टी का लेप
करना चाहिए। लेप करने के बाद थोड़ी देर सुहाती धूप में बैठना
चाहिए। इससे समस्या जल्द ठीक हो जायेगी। धूप सेवन के बाद
अच्छी तरह रगड़कर नहा लेना चाहिए। यह उपाय मात्र दो से
चार बार करने से ही आप त्वचा रोगों से छुटकारा पा सकता है।
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि त्वचा रोग से परेशान
लोगों को इन उपायों के साथ मिर्च मसाले, अचार, तली
चीजों और बाजार में मिलने वाले आहार और पेयों से भी दूरी
बनाकर रखनी चाहिए। इसकी बजाय हरी सब्जियों, मौसमी
फलों और अंकुरित अन्न का उपयोग आपको अधिक से अधिक
मात्रा में करना चाहिए।
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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