ह्रदय रोग की समस्या को केसे कम करें?(heart ki samasya ko kaise kam karen?)-
ह्रदय रोग की समस्या को केसे कम करें?
ह्रदय रोग आम हो गया है आज कल पहले तो बुजुर्गो को होता था आजकल 30 की उम्र के बाद हर किसी को हो जाता है !और ह्रदय की बीमारी का समय पर इलाज ना किया जाये तो मृत्यु भी हो सकती है ! इस्लिये हमे हमारे ह्रदय का खास तौर पर धयान रखना चाहिये !
ह्रदय रोग चिकित्सा-
ह्रदय रोग किसी को भी हो सकता है अक्सर ये रोग 30 की उम्र के बाद होता है लेकिन आजकल ये किसी भी उम्र मे हो जाता है ! और अगर इसका इलाज नही किया गया तो मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है !
ह्रदय रोग के कारण -
1) ब्लड प्रेशर बड़ना !
2) ज्यादा तेल मसाले वाला भोजन करना !
3) व्यायाम और योगा नही करना "
4) टेन्शन और प्रेशर किसी भी चीज का घर,औफिस,परिवार,बच्चो का !
तो ये कुछ कारण है जिनके कारण ह्रदय रोग होता है !
औषधि
1) अर्जुन या कोह की छाल का चूर्ण 6 ग्राम, गाय के दूध के
साथ लेने पर सभी प्रकार का ह्रदय रोग नष्ट हो जाता है।
2) हरर्र, बच, रास्ना, पीपर, सोंठ, कचूर, पोक्हर मूल, खिरेंटी,
गंगेरन, गुलसकरी, कोह की छाल – इनका अलग अलग चूर्ण
बनाकर- मिला लें। तीन ग्राम पानी के साथ प्रतिदिन प्रातः
काल लें। इससे ह्रदय रोग शांत हो जाता है।
3) पीपर, सोंठ, अनारदाना, काला नमक, भुनी हींग को चूर्ण
करके छान कर मिला लें। इसे निम्बू के रस में 70 घंटे तक खरल करें।
नींबू का रस डाल-डाल कर। इसकी जंगली बेर के समान गोलिया
बनाकर छाया में सुखा दें।
प्रातः – सांय एक एक गोली गरम पानी के साथ लेने पर, घोर
ह्रदय रोग भी शांत हो जाता है।
नोट – वाल्व की गड़बड़ी या बनावट की गड़बड़ी इससे ठीक
नहीं होगी, आराम मिल सकता है।
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
महिलाओ के गुप्त रोगो की जानकारी और आयुर्वेदिक नुस्खो की जानकारी के लिये इस लिंक पर क्लिक करें -
Aayurvaidice.blogspot.com
onnihealhcare.blogspot.com
ह्रदय रोग आम हो गया है आज कल पहले तो बुजुर्गो को होता था आजकल 30 की उम्र के बाद हर किसी को हो जाता है !और ह्रदय की बीमारी का समय पर इलाज ना किया जाये तो मृत्यु भी हो सकती है ! इस्लिये हमे हमारे ह्रदय का खास तौर पर धयान रखना चाहिये !
ह्रदय रोग चिकित्सा-
ह्रदय रोग किसी को भी हो सकता है अक्सर ये रोग 30 की उम्र के बाद होता है लेकिन आजकल ये किसी भी उम्र मे हो जाता है ! और अगर इसका इलाज नही किया गया तो मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है !
ह्रदय रोग के कारण -
1) ब्लड प्रेशर बड़ना !
2) ज्यादा तेल मसाले वाला भोजन करना !
3) व्यायाम और योगा नही करना "
4) टेन्शन और प्रेशर किसी भी चीज का घर,औफिस,परिवार,बच्चो का !
तो ये कुछ कारण है जिनके कारण ह्रदय रोग होता है !
औषधि
1) अर्जुन या कोह की छाल का चूर्ण 6 ग्राम, गाय के दूध के
साथ लेने पर सभी प्रकार का ह्रदय रोग नष्ट हो जाता है।
2) हरर्र, बच, रास्ना, पीपर, सोंठ, कचूर, पोक्हर मूल, खिरेंटी,
गंगेरन, गुलसकरी, कोह की छाल – इनका अलग अलग चूर्ण
बनाकर- मिला लें। तीन ग्राम पानी के साथ प्रतिदिन प्रातः
काल लें। इससे ह्रदय रोग शांत हो जाता है।
3) पीपर, सोंठ, अनारदाना, काला नमक, भुनी हींग को चूर्ण
करके छान कर मिला लें। इसे निम्बू के रस में 70 घंटे तक खरल करें।
नींबू का रस डाल-डाल कर। इसकी जंगली बेर के समान गोलिया
बनाकर छाया में सुखा दें।
प्रातः – सांय एक एक गोली गरम पानी के साथ लेने पर, घोर
ह्रदय रोग भी शांत हो जाता है।
नोट – वाल्व की गड़बड़ी या बनावट की गड़बड़ी इससे ठीक
नहीं होगी, आराम मिल सकता है।
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Not-
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