स्वस्थ वीर्य या शुक्राणु पाने के लिये क्या करें ?-
स्वस्थ वीर्य या शुक्राणु पाने के लिये क्या करें ?-
आज कल खान पान के असन्तुलन और पाश्चत्य संस्कृति के सम्पर्क,कमजोरी,के कारण पतला वीर्य,कम शुक्राणु की समस्या हो जाती है!
स्खलन के दौरान केवल पांच फीसदी वीर्य ही बाहर आता है, इसी कारण कुछ महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी हो सकती है। लेकिन, गर्भधारण केवल वीर्य की मात्रा पर ही नहीं, बल्कि शुक्राणुओं के स्तर पर भी निर्भर करता है।
यहा हम आप को कुछ एसी बाते बताने जा रहे है जिनको ध्यान मे रख कर आप स्वस्थ
शुक्राणु और जादा और गाढा वीर्य प्राप्त कर सकते है !
स्खलन के दौरान केवल पांच फीसदी वीर्य ही बाहर आता है, इसी कारण कुछ महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी हो सकती है। लेकिन, गर्भधारण केवल वीर्य की मात्रा पर ही नहीं, बल्कि शुक्राणुओं के स्तर पर भी निर्भर करता है।
यहा हम आप को कुछ एसी बाते बताने जा रहे है जिनको ध्यान मे रख कर आप स्वस्थ
शुक्राणु और जादा और गाढा वीर्य प्राप्त कर सकते है !
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स्वस्थ वीर्य-
स्वस्थ वीर्य के लिए जरूरी है कि आपके अंडकोशों का तापमान शरीर के तापमान से सात डिग्री तक कम हो। तो इसके लिए टांगें मोड़कर न बैठें और साथ ही ज्यादा कसे हुए अंगवस्त्र भी न पहनें
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स्वस्थ वीर्य के लिए जरूरी है कि आपके अंडकोशों का तापमान शरीर के तापमान से सात डिग्री तक कम हो। तो इसके लिए टांगें मोड़कर न बैठें और साथ ही ज्यादा कसे हुए अंगवस्त्र भी न पहनें
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वीर्य से एलर्जी-
सेक्स के चरम पर पहुंचने के बाद जिन पुरुषों को फ्लू जैसे लक्षण यानी थकान, बुखार और बहती नाक जैसी शिकायत हो, उन्हें वीर्य से एलर्जी होती है। वहीं महिलाओं में योनि में लालिमा अथवा सूजन होना एलर्जी का लक्षण होता है। लेकिन, इसका इलाज संभव है।
सेक्स के चरम पर पहुंचने के बाद जिन पुरुषों को फ्लू जैसे लक्षण यानी थकान, बुखार और बहती नाक जैसी शिकायत हो, उन्हें वीर्य से एलर्जी होती है। वहीं महिलाओं में योनि में लालिमा अथवा सूजन होना एलर्जी का लक्षण होता है। लेकिन, इसका इलाज संभव है।
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शुक्राणु का जीवनचक्र-
शुक्राणु हमारे शरीर में दो से पांच दिन तक बना रहता है। यह पुरुष के मासिक चक्र पर निर्भर करता है।
शुक्राणु हमारे शरीर में दो से पांच दिन तक बना रहता है। यह पुरुष के मासिक चक्र पर निर्भर करता है।
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स्खलन न होना-
क्या आप जानते हैं कि यदि वीर्य के साथ यदि शुक्राणु बाहर न निकल पायें, तो शरीर इन्हें वापस अवशोषित कर लेता है। यानी शुक्राणु व्यर्थ नहीं जाते।
क्या आप जानते हैं कि यदि वीर्य के साथ यदि शुक्राणु बाहर न निकल पायें, तो शरीर इन्हें वापस अवशोषित कर लेता है। यानी शुक्राणु व्यर्थ नहीं जाते।
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यौन संबंध और शुक्राणु-
ज्यादा बार यौन संबंध बनाने और हस्तमैथुन करने से भी शुक्राणुओं की संख्या में लगातार गिरावट आती है। सेक्स संबंध अधिक बनाने से एक्टिव शुक्राणु कम हो जाते हैं।
ज्यादा बार यौन संबंध बनाने और हस्तमैथुन करने से भी शुक्राणुओं की संख्या में लगातार गिरावट आती है। सेक्स संबंध अधिक बनाने से एक्टिव शुक्राणु कम हो जाते हैं।
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तनाव और शुक्राणु-
तनाव के कारण भी पुरूषों की स्पर्म काउंटिंग कम हो रही है। एक अध्ययन में पाया गया है कि नौकरी पेशे वाले व्यक्तियों में हर साल शुक्राणुओं की संख्या में लगातार 2 प्रतिशत की कमी आ रही है। यदि ऐसा ही होता रहा तो अनुमान है कि अगले 50 साल बाद दुनिया के 50 प्रतिशत पुरुष बाप बनने के काबिल नहीं रहेंगे
तनाव के कारण भी पुरूषों की स्पर्म काउंटिंग कम हो रही है। एक अध्ययन में पाया गया है कि नौकरी पेशे वाले व्यक्तियों में हर साल शुक्राणुओं की संख्या में लगातार 2 प्रतिशत की कमी आ रही है। यदि ऐसा ही होता रहा तो अनुमान है कि अगले 50 साल बाद दुनिया के 50 प्रतिशत पुरुष बाप बनने के काबिल नहीं रहेंगे
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शुक्राणु के प्रकार-
पुरुषों के शरीर में तीन तरह के शुक्राणु होते हैं : एक्टिव, स्लगिश और डेड। इसमें से केवल एक्टिव शुक्राणु ही बच्चा पैदा करने में सक्षम होते हैं। शरीर में एक्टिव शुक्राणुओं की संख्या 35 प्रतिशत होती है।
पुरुषों के शरीर में तीन तरह के शुक्राणु होते हैं : एक्टिव, स्लगिश और डेड। इसमें से केवल एक्टिव शुक्राणु ही बच्चा पैदा करने में सक्षम होते हैं। शरीर में एक्टिव शुक्राणुओं की संख्या 35 प्रतिशत होती है।
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सामान्य स्पर्म काउंट-
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित पैमाने के अनुसार सामान्य स्पर्म काउंट 15 से 1oo मिलियन प्रति मिलि लीटर होना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति का स्पर्म काउंट सामान्य है तो उसे पिता बनने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित पैमाने के अनुसार सामान्य स्पर्म काउंट 15 से 1oo मिलियन प्रति मिलि लीटर होना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति का स्पर्म काउंट सामान्य है तो उसे पिता बनने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
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मादक पदार्थों का सेवन-
शराब का अधिक सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या कम होती है। पुरुषों में एक्टिव शुक्राणुओं की कमी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार शराब, और अन्य मादक पदार्थों का सेवन है। इसके कारण ही पुरुष बच्चा पैदा करने में असमर्थ हो जाते हैं।
शराब का अधिक सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या कम होती है। पुरुषों में एक्टिव शुक्राणुओं की कमी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार शराब, और अन्य मादक पदार्थों का सेवन है। इसके कारण ही पुरुष बच्चा पैदा करने में असमर्थ हो जाते हैं।
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गाजर का रस, बादाम, मशरूम, लहसुन, प्याज, आदि के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है। यदि आपकी स्पर्म काउंटिंग कम है तो अपने आहार में इनको शामिल कीजिए।
स्वस्थ और जादा शुक्राणु के लिये आयुर्वेद मे एक योग दिया गया है ! जिसका सेवन कर के गाढा वीर्य और स्वस्थ शुक्राणु उत्पन किये जा सकते है !
" मदन प्रकाश चुरन "
" मदन प्रकाश चुरन "
जिसके बारे मे हम हमारी पिछली पोस्ट मे बता चुके है !
सेक्स पावर बढाने की अन्य अयुर्वेदिक प्रभावशाली ओशधिया -
@ मदन प्रकाश चुरन
@ नरसिह्न चुरन
@ चवनप्राशवलेह
ये ओशधिया कामोत्तेजना बढाने मे बहुत ही लाभदायक है !
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और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे!
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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महिलाओ के गुप्त रोगों की जानकारी और आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो की जानकारी के लिये इस लिंक पर क्लिक करें
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