मिरगी के दौरे से केसे निजाद पायें ?-
मिरगी के दौरे से केसे निजाद पायें ?-
मिरगी मे रोगी अचानक से गिर पड़ता है ! और हाथ पैर मारने लगता है ! यह दौरा 10-15 मिनट से 1-2 घंटे तक रहता है! और होश मे आने के बाद रोगी को थकान महसूस होती है !और रोगी सो जाता है!
मिरगी के कारण -
1) अधिक शराब पीने से मिरगी का रोग हो जाता है!
2) मानसिक और शारीरिक कमजोरी के कारण भी मिरगी का रोग होता है!
3) अधिक शारीरिक श्रम के कारण!
4) सिर पर चोट लगने से !
मिरगी के लक्षण-
1) हाथ और गर्दन अकड़ जाती है !
2) पलकें एक जगह रुक जाती है!
3) रोगी हाथ पैर पटकता है!
4) जीभ अकड़ जाने के कारण बोल नही पाता!
5) मुह से पिला झाग निकलता है!
6) दात किटकिटाते है शरीर कंपन करता है!
7) चारो तरफ काला अन्धेरा या पुरा सफेद दिखाइ देता है!
घरेलू उपाये-
1) नींबू के रस मे हिंग मिला कर चाटने से बहुत आराम मिलता है!
2) आकं की जड़ का पावडर बकरी के दूध मे मिला कर रोगी को सुंघायें!
3) तुलसी के 4-5 पत्ते कपूर मे मिला कर रोगी को सुंघायें!
4) प्याज के रस को पानी मे घोल के पिलाने से भी लाभ होता है!
5) मेहदीं के पत्तो का रस दूध मे मिला कर पिलाने से काफ़ीलाभ होगा!
6) रोगी को दाइं तरफ लिटायें एसा करने से मुह का सारा झाग बाहर निकल जयेगा ! जब दौरा पडे रोगी को कुछ खिलाना नही चाहिये! अमोनिया या चुने की गधं सुंघाना चाहिये!
7) ब्रह्मी बुटी का रस 1 चम्मच सुबह शाम पिलाये आधा रह जाने पर थोडा सा सेन्धा नमक मिला कर दो बार पिलाये!
8) निम की कोमल पत्तियां ,काला नमक,और अजवायन मिला कर पानी मे मिला कर पेस्ट बना कर सेवन करें!
9) शरीफ़ा के पत्तो के रस की कुछ बून्दे रोगी की नाक मे डालने जल्दी होश आता है!
अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
महिलाओ के गुप्त रोगों की जानकारी और आयुर्वेदिक नुस्खो की जानकारी के लिये इस लिंक पर क्लिक करें -
aayurvaidice.blogspot.com
onnihealhcare.blogspot.com
मिरगी मे रोगी अचानक से गिर पड़ता है ! और हाथ पैर मारने लगता है ! यह दौरा 10-15 मिनट से 1-2 घंटे तक रहता है! और होश मे आने के बाद रोगी को थकान महसूस होती है !और रोगी सो जाता है!
मिरगी के कारण -
1) अधिक शराब पीने से मिरगी का रोग हो जाता है!
2) मानसिक और शारीरिक कमजोरी के कारण भी मिरगी का रोग होता है!
3) अधिक शारीरिक श्रम के कारण!
4) सिर पर चोट लगने से !
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1) हाथ और गर्दन अकड़ जाती है !
2) पलकें एक जगह रुक जाती है!
3) रोगी हाथ पैर पटकता है!
4) जीभ अकड़ जाने के कारण बोल नही पाता!
5) मुह से पिला झाग निकलता है!
6) दात किटकिटाते है शरीर कंपन करता है!
7) चारो तरफ काला अन्धेरा या पुरा सफेद दिखाइ देता है!
घरेलू उपाये-
1) नींबू के रस मे हिंग मिला कर चाटने से बहुत आराम मिलता है!
2) आकं की जड़ का पावडर बकरी के दूध मे मिला कर रोगी को सुंघायें!
3) तुलसी के 4-5 पत्ते कपूर मे मिला कर रोगी को सुंघायें!
4) प्याज के रस को पानी मे घोल के पिलाने से भी लाभ होता है!
5) मेहदीं के पत्तो का रस दूध मे मिला कर पिलाने से काफ़ीलाभ होगा!
6) रोगी को दाइं तरफ लिटायें एसा करने से मुह का सारा झाग बाहर निकल जयेगा ! जब दौरा पडे रोगी को कुछ खिलाना नही चाहिये! अमोनिया या चुने की गधं सुंघाना चाहिये!
7) ब्रह्मी बुटी का रस 1 चम्मच सुबह शाम पिलाये आधा रह जाने पर थोडा सा सेन्धा नमक मिला कर दो बार पिलाये!
8) निम की कोमल पत्तियां ,काला नमक,और अजवायन मिला कर पानी मे मिला कर पेस्ट बना कर सेवन करें!
9) शरीफ़ा के पत्तो के रस की कुछ बून्दे रोगी की नाक मे डालने जल्दी होश आता है!
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