थायराईड से केसे छुटकारा पायें ?(thyroid se kaise chhutkara payen?)-
थायराइड के लक्षण और घरेलू उपचार
थायराईड क्या है ? -
थायराइड की. समस्या आजकल एक गंभीरसमस्या बनी हुई है।थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। ये
तितली के आकार की होती है।
थायराईड के प्रकार -
थायराइड दो तरह का होता है।
हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है।
थायराईड के लक्षण -
1) थायराइड में वजन
अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है।
इस रोग में काफी दिक्कत होती है। आयुर्वेद में थायराइड को
बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं।
2) दूसरा मुख्य लक्षण है जल्दी ही थकान का लगना।
3) तीसरा लक्षण गर्दन में दर्द या सूजन का होना।
4)चौथा लक्षण है भूख न लगना और पसीना अधिक आना आदि।
5) अन्य लक्षण - जैसे नींद अधिक आना, आंखों में सूजन होना, जोड़ों
में दर्द बने रहना, आवाज का भारी होना और लगातार कब्ज बने
रहना आदि!
थायराइड की वजह से हड्डियां सिकुडने लगती हैं और
मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में खून की नियमित
जांच करवानी चाहिए। अपने खाने में जितना हो सके हरी
सब्जियों का सेवन करें।
थायराइड. के मुख्य कारण-
थाइराइड कई कारणों से हो सकता है। जिसके मुख्य कारण हैं।
1) बेवजह की दवाओं का सेवन करना और उनका प्रतिकूल प्रभाव
पड़ने से थाइराइड हो सकता है।
2) टोंसिल्स, सिर और थाइमस ग्रंथि की परेशानी में एक्स रे
कराना भी थाइराइड का कारण बन सकता है।
3) अधिक तनाव या टेंशन लेने का असर थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है।
जिस वजह से हार्मोन निकलने लगता है।
4) परिवार में किसी को पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो
यह भी एक मुख्य कारण बन सकता है।
हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराडिज्म मे अंतर -
क्या आप जानते हैं हाइपरथायराइडिज्म और
हाइपोथायराडिज्म में अंतर वैसे तो हाइपर थायराइडिज्म और
हाइपो थायराडिज्म दोनों ही थायराइड के प्रकार हैं। लेकिन
दोनों के लक्षण एक दूसरे से बेहद अलग होते हैं।
हाइपो थायरायडिज्म के प्रमुख लक्षण-
1)चेहरे का फूल जाना।
2)त्वचा का शुष्क होना।
3)डिप्रेशन।
4) वजन का अचानक बढ़ना।
5) थकान का आना।
6) शरीर में पसीने की कमी।
7) दिल की गति का कम होना।
8) अनियमित या अधिक माहवारी का होना।
9) कब्ज का बनना आदि।
हाइपर थायराइडिज्म के लक्षण-
1) बालों का झड़ना।
2)हाथ में कंपन होना।
3)अधिक गर्मी व पसीना आना।
4)वजन का घटना।
5)खुजली व त्वचा का लाल होना।
6)दिल का धड़कनों का बढ़ना।
7)कमजोरी महसूस होना। आदि।
थायराइड की समस्या को ठीक करने के प्राचीन आयुवेर्दिक
उपाय :-
1)अदरक-
अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड
की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण
थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में
सुधार लाता है।
2) दही और दूध का सेवन-
थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का
इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद
कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों
को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।
3) मुलेठी का सेवन-
थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे
जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद
फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को
संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी
थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।
4) गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल-
थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का
सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की
समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके
अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी
समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।
5)साबुत अनाज-
जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से
थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में
फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है
जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।
6) फलों और सब्जियों का सेवन-
थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों
का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में
एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं
देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।
7)आयोडीन का प्रयोग-
हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में
मौजूद पोषक तत्व थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को
ठीक रखता है।
थायराइड एक गंभीर समस्या है सही समय पर पता चलने से इसका
बचाव किया जा सकता है। पुरूषों के पास समय का आभाव कम
होता है लेकिन वे थायराइड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें!
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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onnihealhcare.blogspot.com
थायराईड क्या है ? -
थायराइड की. समस्या आजकल एक गंभीरसमस्या बनी हुई है।थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। ये
तितली के आकार की होती है।
थायराईड के प्रकार -
थायराइड दो तरह का होता है।
हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है।
थायराईड के लक्षण -
1) थायराइड में वजन
अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है।
इस रोग में काफी दिक्कत होती है। आयुर्वेद में थायराइड को
बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं।
2) दूसरा मुख्य लक्षण है जल्दी ही थकान का लगना।
3) तीसरा लक्षण गर्दन में दर्द या सूजन का होना।
4)चौथा लक्षण है भूख न लगना और पसीना अधिक आना आदि।
5) अन्य लक्षण - जैसे नींद अधिक आना, आंखों में सूजन होना, जोड़ों
में दर्द बने रहना, आवाज का भारी होना और लगातार कब्ज बने
रहना आदि!
थायराइड की वजह से हड्डियां सिकुडने लगती हैं और
मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में खून की नियमित
जांच करवानी चाहिए। अपने खाने में जितना हो सके हरी
सब्जियों का सेवन करें।
थायराइड. के मुख्य कारण-
थाइराइड कई कारणों से हो सकता है। जिसके मुख्य कारण हैं।
1) बेवजह की दवाओं का सेवन करना और उनका प्रतिकूल प्रभाव
पड़ने से थाइराइड हो सकता है।
2) टोंसिल्स, सिर और थाइमस ग्रंथि की परेशानी में एक्स रे
कराना भी थाइराइड का कारण बन सकता है।
3) अधिक तनाव या टेंशन लेने का असर थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है।
जिस वजह से हार्मोन निकलने लगता है।
4) परिवार में किसी को पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो
यह भी एक मुख्य कारण बन सकता है।
हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराडिज्म मे अंतर -
क्या आप जानते हैं हाइपरथायराइडिज्म और
हाइपोथायराडिज्म में अंतर वैसे तो हाइपर थायराइडिज्म और
हाइपो थायराडिज्म दोनों ही थायराइड के प्रकार हैं। लेकिन
दोनों के लक्षण एक दूसरे से बेहद अलग होते हैं।
हाइपो थायरायडिज्म के प्रमुख लक्षण-
1)चेहरे का फूल जाना।
2)त्वचा का शुष्क होना।
3)डिप्रेशन।
4) वजन का अचानक बढ़ना।
5) थकान का आना।
6) शरीर में पसीने की कमी।
7) दिल की गति का कम होना।
8) अनियमित या अधिक माहवारी का होना।
9) कब्ज का बनना आदि।
हाइपर थायराइडिज्म के लक्षण-
1) बालों का झड़ना।
2)हाथ में कंपन होना।
3)अधिक गर्मी व पसीना आना।
4)वजन का घटना।
5)खुजली व त्वचा का लाल होना।
6)दिल का धड़कनों का बढ़ना।
7)कमजोरी महसूस होना। आदि।
थायराइड की समस्या को ठीक करने के प्राचीन आयुवेर्दिक
उपाय :-
1)अदरक-
अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड
की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण
थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में
सुधार लाता है।
2) दही और दूध का सेवन-
थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का
इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद
कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों
को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।
3) मुलेठी का सेवन-
थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे
जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद
फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को
संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी
थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।
4) गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल-
थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का
सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की
समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके
अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी
समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।
5)साबुत अनाज-
जौ, पास्ता और ब्रेड़ आदि साबुत अनाज का सेवन करने से
थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में
फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है
जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।
6) फलों और सब्जियों का सेवन-
थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों
का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में
एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं
देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।
7)आयोडीन का प्रयोग-
हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन में
मौजूद पोषक तत्व थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को
ठीक रखता है।
थायराइड एक गंभीर समस्या है सही समय पर पता चलने से इसका
बचाव किया जा सकता है। पुरूषों के पास समय का आभाव कम
होता है लेकिन वे थायराइड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें!
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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