हड्डीयों और जोडो के लिये अद्भुद तेल(haddiyon or jodon ke dard ke liye tel)-
हड्डीयो और जोडो के दर्द दूर करने का तेल -
पहले बुजुर्ग ही जोडो के दर्द और हड्डीयो की तकलीफ़ से परेशान थे लेकिन आजकल हर किसी को हड्डी की तकलीफ़ हो जाती है ! 30 की उम्र के बाद हर किसी को हड्डी की तकलीफ़ होने लगती है ! फिर दवाइ गोली शुरू हो जाती है और उनसे दूसरी बिमरिया होने लगती है !
साइटिका, रिंगन बाय, जोड़ों के दर्द, घुटनो के दर्द, कंधे की जकड़न, के लिए एक अदभुत तेल।
साइटिका, रिंगन बाय, गृध्रसी, जोड़ों के दर्द, घुटनो के दर्द,
कंधे की जकड़न एक टांग मे दर्द (साइटिका, रिंगन बाय, गृध्रसी),
गर्दन का दर्द (सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस) आदि के लिए ये तेल
अदभुत रिजल्ट देता हैं।
तो हम एक एसा तेल बताने जा रहे है जो आप आसानी से घर मे बना सकते है !और जोडो और हड्डीयो के दर्द से
सामान
कायफल =250 ग्राम , तेल
(सरसों या तिल का)=500 ग्राम
कायफल-
“यह एक पेड़ की छाल है” जो देखने मे गहरे लाल रंग की खुरदरी
लगभग 2 इंच के टुकड़ों मे मिलती है। ये सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी
बेचने वाली दुकानों पर कायफल के नाम से मिलती है। इसे लाकर
कूट कर बारीक पीस लेना चाहिए। जितना महीन/ बारीक
पीसोगे उतना ही अधिक गुणकारी होगा।
बनाने की विधि –
एक लोहे/ पीतल/एल्यूमिनियम की कड़ाही मे तेल गरम करें। जब
तेल गरम हो जाए तब थोड़ा थोड़ा करके कायफल का चूर्ण
डालते जाएँ। आग धीमी रखें। जब सारा चूर्ण खत्म हो जाए तब
कड़ाही के नीचे से आग बंद कर दे। एक कपड़े मे से तेल छान ले। जब
तेल ठंडा हो जाए तब कपड़े को निचोड़ लें। इस तेल को एक बोतल
मे रख ले। कुछ दिन मे तेल मे से लाल रंग नीचे बैठ जाएगा। उसके
बाद उसे दूसरी शीशी मे डाल ले।
अधिक गुणकारी बनाने के लिए इस साफ तेल मे 25 ग्राम
दालचीनी का मोटा चूर्ण डाल दे। जो कायफल का चूर्ण तेल
छानने के बाद बच जाए उसी को हल्का गरम करके उसी से सेके।
उसे फेकने की जरूरत नहीं। हर रोज उसी से सेके।
जहां पर भी दर्द हो इसे हल्का गरम करके धीरे धीरे मालिश करें।
मालिश करते समय हाथ का दबाव कम रखें। उसके बाद सेक जरूर
करे।
बिना सेक के लाभ कम होता है। मालिस करने से पहले पानी पी
ले। मालिश और सेक के 2 घंटे बाद तक ठंडा पानी न पिए।
ये तेल हड्डीऔर जोडो के दर्द मे बहुत ही लाभकारी है !
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
महिलाओ के गुप्त रोगो की जानकारी और आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो को जानने के लिये इस Liलिंक पर क्लिक करें -
ayurvaidice.blogspot.com
onnihealhcare.blogspot.com
पहले बुजुर्ग ही जोडो के दर्द और हड्डीयो की तकलीफ़ से परेशान थे लेकिन आजकल हर किसी को हड्डी की तकलीफ़ हो जाती है ! 30 की उम्र के बाद हर किसी को हड्डी की तकलीफ़ होने लगती है ! फिर दवाइ गोली शुरू हो जाती है और उनसे दूसरी बिमरिया होने लगती है !
साइटिका, रिंगन बाय, जोड़ों के दर्द, घुटनो के दर्द, कंधे की जकड़न, के लिए एक अदभुत तेल।
साइटिका, रिंगन बाय, गृध्रसी, जोड़ों के दर्द, घुटनो के दर्द,
कंधे की जकड़न एक टांग मे दर्द (साइटिका, रिंगन बाय, गृध्रसी),
गर्दन का दर्द (सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस) आदि के लिए ये तेल
अदभुत रिजल्ट देता हैं।
तो हम एक एसा तेल बताने जा रहे है जो आप आसानी से घर मे बना सकते है !और जोडो और हड्डीयो के दर्द से
सामान
कायफल =250 ग्राम , तेल
(सरसों या तिल का)=500 ग्राम
कायफल-
“यह एक पेड़ की छाल है” जो देखने मे गहरे लाल रंग की खुरदरी
लगभग 2 इंच के टुकड़ों मे मिलती है। ये सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी
बेचने वाली दुकानों पर कायफल के नाम से मिलती है। इसे लाकर
कूट कर बारीक पीस लेना चाहिए। जितना महीन/ बारीक
पीसोगे उतना ही अधिक गुणकारी होगा।
बनाने की विधि –
एक लोहे/ पीतल/एल्यूमिनियम की कड़ाही मे तेल गरम करें। जब
तेल गरम हो जाए तब थोड़ा थोड़ा करके कायफल का चूर्ण
डालते जाएँ। आग धीमी रखें। जब सारा चूर्ण खत्म हो जाए तब
कड़ाही के नीचे से आग बंद कर दे। एक कपड़े मे से तेल छान ले। जब
तेल ठंडा हो जाए तब कपड़े को निचोड़ लें। इस तेल को एक बोतल
मे रख ले। कुछ दिन मे तेल मे से लाल रंग नीचे बैठ जाएगा। उसके
बाद उसे दूसरी शीशी मे डाल ले।
अधिक गुणकारी बनाने के लिए इस साफ तेल मे 25 ग्राम
दालचीनी का मोटा चूर्ण डाल दे। जो कायफल का चूर्ण तेल
छानने के बाद बच जाए उसी को हल्का गरम करके उसी से सेके।
उसे फेकने की जरूरत नहीं। हर रोज उसी से सेके।
जहां पर भी दर्द हो इसे हल्का गरम करके धीरे धीरे मालिश करें।
मालिश करते समय हाथ का दबाव कम रखें। उसके बाद सेक जरूर
करे।
बिना सेक के लाभ कम होता है। मालिस करने से पहले पानी पी
ले। मालिश और सेक के 2 घंटे बाद तक ठंडा पानी न पिए।
ये तेल हड्डीऔर जोडो के दर्द मे बहुत ही लाभकारी है !
और अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
महिलाओ के गुप्त रोगो की जानकारी और आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो को जानने के लिये इस Liलिंक पर क्लिक करें -
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