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    दमा से केसे मुक्ति पायें ?-

    दमा से केसे मुक्ति पायें ?-
                    फेफडो मे संकुचन और जकडन के कारण दमा की शिकायत होती है !दमा के रोगी को सांस लेने मे परेशानी होती है !

    दमा के कारण-
        1) अधिक धूल मिट्टी और धुंवे वाले माहोल मे रहने से "
        2) अधिक धूम्र पान करने से !
        3) ये रोग आनुवंशिक भी होता है !
        4) अधिक उम्र के लोगों को भी ये रोग होता है !

    दमा के लक्षण -

                   दमा के रोगी को सांस लेने मे तकलीफ़ होती है ! सांस कभी ज्यादा कभी कम होती है खासी के साथ बलगम भी निकलता है और बलगम ना निकले तो रोगी का हाल बेहाल होता है ! बलगम निकलने के बाद चैन मिल जाता है !

    घरेलू नुस्खे -

    1) सांस फुलने के दौरान गरम पानी पीने से आराम मिलता है !

    2) तुलसी और अदरक का रस समान मात्रा मे शहद के साथ लेने से आराम मिलता है !

    3) हार सिंगार की छाल का चुरन पान के साथ खाने से लाभ मिलता है !

    4) 3 चम्मच मेथी 1 ग्लास पानी मे उबालें आधा बचने पर छान कर पियें !

    5) पिपल का चुरन 1-1 चम्मच सुबह शाम लेने से आराम मिलता है!

    6) नियमित गेहुं रोप रस पीने से लाभ होता है!

    7) सेन्धा नमक और गाय का घीमिला कर छाती पर लगाने से लाभ होता है!

    8) रोगी की छाती को गरम पानी से सेकने से आराम मिलता है!

    9) जिस समय दमा का दौरा पडे जरा सी फिटकरी जीभ पर चटाने से आराम मिलता है!

    10) प्रात: काल खाली पेट 3-4 चम्मच अदरक का रस शहद के साथ लेने से लाभ होता है!

    11) सोठं,भरंगी,बडी हरड़ का चुरन बना कर शाम को खाने के बाद एक चम्मच गरम पानी से लेने से आराम मिलता है !

    12) 250 ग्राम पानी मे 2 चम्मच मूलहठी डाल कर काडा बनाइये जब पानी 1/4 रह जाये दोनो टाइम खाने के बाद लें !

    13) तुलसी के पत्तो के साथ 2-3 काली मिर्च चबाने से लाभ होता है!

    14) नींबू का रस शहद मे मिला कर चाटने से लाभ होता है !

    15) 250 ग्राम अदरक का रस और 250 ग्राम गाय का घी अलग अलग कासे के बर्तन मे गरम करने के बाद आपस मे मिला लें ! 1-1 चम्मच सुबह शाम गाय के दूध मे एक चम्मच शहद के साथ लेने से आराम मिलता है!

    दमा की चिकित्सा-

    पान का रस , अदरख का रस, अनार का रस, प्याज का रस, लहसन
    का रस, पिक्कार का रस 100-100 ग्राम; पीपर 100 ग्राम,
    काली मिर्च 60 ग्राम। इनको मिला कर रखें।
    मदार के 25 पीले पत्तों पर बराबर मात्र में चूना और सेंध नमक
    पानी में घोलकर पत्तो पे लेप करके, छाया में सुखालें। इसे एक
    मिट्टी की हांड़ी में बंद करके कन्डो से भरे एक गज लम्बे चौरे गहरे
    गड्ढे में डालकर फूँक दें।
    ठंडा होने पर यह भस्म निकालकर ऊपर की सामग्री में मिलाकर
    आग पर चढ़ाएं और इसमें 2 किलो बूरा डालकर गाढ़ा शरबत बना
    लें।
    मात्रा – इसमें से एक बार चम्मच गरम पानी में मिलाकर पियें।
    तीन बार।
    सावधानी – अधिक मात्रा में सेवन न करें।
    दम्मा जर से समाप्त हो जायेगा।

                 अधिक जानकारी के लिये हमारी पिछली पोस्ट पढे !
           

    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।







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